चेक बाउंस, ईएमआई डिफॉल्ट और लोन सेटलमेंट परिचय लोन और ईएमआई (EMI) भुगतान हमारे वित्तीय जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन कई बार आर्थिक संकट के कारण लोग समय पर भुगतान नहीं कर पाते, जिससे चेक बाउंस , ईएमआई डिफॉल्ट , और लोन सेटलमेंट जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इन मामलों में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों और भारतीय कानूनों का पालन करना आवश्यक होता है। यह लेख RBI की गाइडलाइंस, कानूनी नियमों और प्रभावी समाधान के साथ इन समस्याओं को समझाने का प्रयास करेगा। 1. चेक बाउंस: कारण, कानून और समाधान चेक बाउंस क्या होता है? जब बैंक किसी चेक को अस्वीकार कर देता है, तो उसे चेक बाउंस कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं: अपर्याप्त बैलेंस गलत हस्ताक्षर या तकनीकी त्रुटि ओवरड्राफ्ट सीमा पार कर जाना चेक की वैधता समाप्त होना (Validity Expired) चेक बाउंस से जुड़े कानून नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 यह धारा चेक बाउंस को आपराधिक अपराध मानती है। भुगतानकर्ता को 15 दिनों के भीतर कानूनी नोटिस भेजना आवश्यक है। यदि भुगतान नहीं किया जाता, तो 2 साल क...
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