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भारत में ज़मानत का कानून: कोर्ट कैसे तय करती है ज़मानत देना?

भारत में ज़मानत का कानून: अदालत किन बातों को ध्यान में रखती है? 🔷 परिचय: भारतीय संविधान और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) का उद्देश्य केवल अपराधियों को सजा देना नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को न्यायसंगत अवसर देना है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए "ज़मानत" की अवधारणा विकसित हुई है — जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आरोपी को न्याय मिलने तक उसकी स्वतंत्रता अनावश्यक रूप से बाधित न हो। परंतु क्या ज़मानत हर किसी को आसानी से मिल जाती है? नहीं। इसके पीछे एक पूरा न्यायिक सोच है जिसे " बेल ज्यूरिसप्रूडेंस " कहा जाता है। 🔷 ज़मानत की परिभाषा और कानूनी आधार: ज़मानत का तात्पर्य होता है – "किसी व्यक्ति को यह आश्वासन देकर अस्थायी रिहाई देना कि वह न्यायिक प्रक्रिया में उपस्थित रहेगा और कानून का उल्लंघन नहीं करेगा।" भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की निम्नलिखित धाराएं ज़मानत से संबंधित हैं: धारा 436: साधारण (जमानती) अपराधों में अनिवार्य ज़मानत। धारा 437: गंभीर (गैर-जमानती) मामलों में मजिस्ट्रेट द्वारा ज़मानत। धारा 438: अग्रिम ज़मानत (पूर्व-गिरफ्ता...

एफआईआर (FIR) कैसे दर्ज करें

एफआईआर (FIR) कैसे दर्ज करें: स्टेप बाय स्टेप गाइड किसी भी अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराना एक महत्वपूर्ण कानूनी अधिकार है। 1 जुलाई 2023 से भारतीय न्याय प्रणाली में बड़े बदलाव किए गए हैं और भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) को नए कानूनों से बदल दिया गया है। अब एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के तहत आती है। इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि नए कानूनों के अनुसार एफआईआर कैसे दर्ज करें, क्या प्रक्रियाएं बदली हैं, और पुलिस के इनकार करने पर क्या करें। Supreme Court of India एफआईआर (FIR) क्या है? एफआईआर (First Information Report) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 के तहत दर्ज की जाती है। यह किसी संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) की पहली सूचना होती है, जिसे पुलिस दर्ज करके जांच शुरू करती है। एफआईआर दर्ज करने के लिए आवश्यक चीजें शिकायतकर्ता का नाम, पता और संपर्क नंबर घटना का सही समय, तारीख और स्थान घटना का संक्षिप्त विवरण यदि कोई गवाह हो त...

ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) – प्रभावी रणनीति और उत्तीर्ण होने का निश्चित तरीका

ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE)  For Representation  ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) एक महत्वपूर्ण परीक्षा है, जिसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा उन कानून स्नातकों के लिए अनिवार्य है जो भारत में वकालत करना चाहते हैं। हालांकि, यह एक ओपन-बुक परीक्षा है, लेकिन इसमें सफलता पाने के लिए रणनीतिक अध्ययन और सही दृष्टिकोण आवश्यक है। इस गाइड में शामिल हैं: परीक्षा का स्वरूप और विषयों का महत्व सफलता के लिए सर्वोत्तम अध्ययन योजना प्रभावी संसाधन और किताबों की सूची उत्तर लेखन और समय प्रबंधन रणनीति आवश्यक अंतिम संशोधन और परीक्षा दिवस की रणनीति 1. AIBE परीक्षा का स्वरूप और महत्वपूर्ण विषय परीक्षा संरचना परीक्षा मोड: ऑफलाइन (पेन और पेपर आधारित) प्रश्न प्रकार: बहुविकल्पीय (MCQs) कुल प्रश्न: 100 अधिकतम अंक: 100 समय सीमा: 3 घंटे 30 मिनट नकारात्मक अंकन: नहीं परीक्षा भाषा: हिंदी, अंग्रेजी समेत कई भाषाओं में उपलब्ध योग्यता अंक: 40% (SC/ST) | 45% (GEN/OBC) महत्वपूर्ण विषय और उनकी प्राथमिकता कुछ विषय परीक्षा में उच्च महत्व रखते ह...