संज्ञेय और असंज्ञेय अपराध में अंतर – पूरी जानकारी भारत में अपराधों को उनकी गंभीरता के आधार पर संज्ञेय (Cognizable) और असंज्ञेय (Non-Cognizable) अपराधों में विभाजित किया जाता है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 के लागू होने के बाद, इन अपराधों की परिभाषा और प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं। इस लेख में हम इन दोनों प्रकार के अपराधों के बीच का अंतर, उनकी विशेषताएँ और एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे। संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) क्या होता है? संज्ञेय अपराध वे होते हैं जिनमें पुलिस को मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना ही एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी करने का अधिकार होता है। ये अपराध गंभीर माने जाते हैं और समाज पर व्यापक प्रभाव डालते हैं। संज्ञेय अपराधों के उदाहरण (BNS 2023 के अनुसार) अपराध संबंधित धारा (BNS 2023) संभावित सजा हत्या धारा 101 आजीवन कारावास या मृत्यु दंड बलात्कार धारा 63 न्यूनतम 10 साल की सजा अपहरण धारा 111 7 साल या अधिक की सजा डकैती धारा 303 कठोर कारावास हिंसा और दंगे धारा 183 7 साल या अधिक की सजा संज्ञेय अप...
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