परिचय: भारतीय संविधान विश्व के सबसे विस्तृत और समावेशी संविधानों में से एक है। इसकी एक प्रमुख विशेषता मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) हैं, जो नागरिकों को जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा से जीने का अधिकार प्रदान करते हैं। ये अधिकार संविधान के भाग 3 (अनुच्छेद 12 से 35) में उल्लिखित हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव को मजबूत करते हैं। इन्हें भारत के नागरिकों के लिए "जीवन की संजीवनी" कहा जा सकता है। मौलिक अधिकारों की विशेषताएं: संविधान द्वारा प्रदत्त: मौलिक अधिकार संविधान द्वारा सुनिश्चित किए गए हैं, अतः ये विधायिका या कार्यपालिका द्वारा मनमाने ढंग से नहीं छीने जा सकते। न्यायालय द्वारा संरक्षित: यदि किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह सीधे उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है। कुछ अधिकार नागरिकों के लिए विशेष: जैसे कि कुछ अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं, जबकि अन्य सभी व्यक्तियों (नागरिक और गैर-नागरिक दोनों) को प्राप्त हैं। सीमाओं के अधीन: मौलिक अधिकार निरपेक्ष नहीं हैं; राज्य सुरक्षा, सार्वजनिक व्...
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